तीन तलाक़ की नाजायज़ ज़िद!
यह कामेडी है या ट्रेजेडी? या शायद एक साथ दोनों है! तीन तलाक़ पर मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड का हलफ़नामा कूढ़मग़ज़ी और नितान्त बचकाने तर्कों का एक शाहकार दस्तावेज़ है! कामेडी इसलिए कि इन तर्कों को पढ़ कर...
View Articleइतिहास की दो ‘केस स्टडी’!
अगर मुल्लाओं की चली होती तो पिछले डेढ़ सौ सालों में देश में न कोई मुसलमान बच्चा स्कूल गया होता, न कालेज और न यूनिवर्सिटी! आज न अलीगढ़ मुसलिम विश्विद्यालय होता और न ही हिन्दुस्तान के किसी मुसलमान ने...
View Articleयह 2019 की अँगड़ाई है!
यह 2017 की लड़ाई नहीं, असल में 2019 की अँगड़ाई है! हाँ, यह ज़रूर है कि उत्तर प्रदेश का घमासान इसकी पहली प्रयोगशाला होगा. प्रयोग सफल रहा, तो मामला आगे तक जायेगा. वरना बात वहीं की वहीं रफ़ा-दफ़ा हो...
View Articleतीन तलाक़ : अबकी बार नहीं शाहबानो!
तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद अब बहुत कुछ बदलेगा. बदलना ही पड़ेगा. 1985 और 2017 में यही बहुत बड़ा फ़र्क़ है. 1985 के शाहबानो फ़ैसले को याद कीजिए. शाहबानो के साथ कौन था? बस गिनती...
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